ये घोर कलियुग का समय है, हर इन्सान चाहता है कि उसे सुख-शान्ति मिले, परमानंद मिले, परंतु चाहत इन्सान की सारी पूरी नहीं होती। लेकिन रामनाम के द्वारा ये भी संभव है, क्योंकि अल्लाह, वाहेगुरु के लिए कुछ असंभव नहीं है। उक्त उद्गार पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आज शाह सतनाम जी धाम में आयोजित मासिक रुहानी सत्संग को संबोधित करते फरमाएं। कड़ाके की ठंड की बावजूद सत्संग श्रवण करने के लिए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित अनेक राज्यों से लाखों की सख्यां में साध-संगत ने शिरकत की। सत्संग के दौरान पूज्य गुरु जी ने साध-संगत द्वारा लिखकर भेजे गए सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। पूज्य गुरूजी ने 27,000 से अधिक लोगों को गुरूमंत्र, नामशब्द प्रदान किया। रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित सत्संग में मौजूद साध-संगत को संबोधित करते हुए पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहा कि उस अल्लाह-राम – वाहेगुरु को वश में करना है तो उसके नाम का सुमिरन करों। उसकी बनाई हुई औलाद, सृष्टि से बेगर्ज नि:स्वार्थ भावना से प्यार करों। व्यवहार के सच्चे बनों, नशों को छोड दो, ठग्गी, बेईमानी से नाता तोड़ लो तो आप भगवान की दया मेहर को हासिल कर सकते है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि वो ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब है, वो किसी का मोहताज नहीं है, मजबूर नहीं है वो। अल्लाह, वाहेगुरु की रहमत को हासिल करने के लिए ऐसा बर्तन चाहिए जो मालिक की दया महर रहमत को अपने अंदर समा सकें। अगर बर्तन में पहले ही काम, वासना, क्रोध, लोभ, मोह, पाप से लबालब भरा होगा तो उसमें मालिक की दया मेहर आएगी कैसे?। इसलिए इन्सान को पहले अपने दिलों दिमाग से काम, वासना को भगाना होगा। भगवान को हासिल करने के लिए अंहकार को त्यागना होगा। इन्सान को मालिक को पाने के लिए उसे मालिक के नाम का जाप करना चाहिए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि बिन मांगें मोती मिले, मागें मिलें ना भीख। पूज्य गुरूजी ने कहा कि अपने अंदर जो कमियां है उन्हें दूर करों, अपने अंदर की कमियों को दूर करने के लिए मालिक की भक्ति करों। इन्सान के पास दुनियावी कामों के लिए तो समय है लेकिन उसके पास भगवान का नाम लेने के लिए समय नहीं है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि भगवान को देखने वाली आंखें ओर है, इसलिए राम नाम की दवा आंखों में डालों फिर ये मालिक के दर्श दीदार की काबिल बन जाएगी। उन्होंने कहा कि गुरु का सत्कार करना ठीक है लेकिन अगर आप गुरु के वचन नहीं मानते तो आप मालिक की दया मेहर को प्राप्त नहीं कर सकते। इन्सान को भले लोगों का संग करना चाहिए। मालिक से मालिक को मांगना चाहिए। पूज्य गुरूजी ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए भ्रष्टाचार रोधी मुहिम के तहत 97,664 लोगों ने रिश्वत ना देने के शपथ पत्र भरें है तथा 1579 अधिकारियों ने कभी रिश्वत ना लेने के शपथपत्र भरें हैं। सत्संग के दौरान डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए मरणोंंपरात मेडिकल शोध कार्यों हेतु शरीरदान के महा अभियान के लिए गुडगांव स्थित एसजेटी मेडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टर कुलदीप सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के नाम प्रशस्ति पत्र भेंट किया। इस अवसर पर पूज्य गुरूजी ने आशियाना मुहिम के तहत विभिन्न ब्लाकों द्वारा 6 जरूरतमंद परिवारों को बनाकर दिए गए मकानों की चाबियां अपने पावन कर कमलों से सौंपी। पूज्य गुरूजी ने शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के भलाई फंड से चार परिवारों को 4 लाख 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता के चैक प्रदान किए। इन्हें मिले चैक:- विधवा बहन विद्या देवी, गांव मनाना, ब्लॉक समालखा, पानीपत को छोटे बच्चों के पालन-पोषण के लिए 50 हजार चैक दिया जा रहा है। प्रेमी कनकलाल इन्सां,निवासी गांव खेड़ेगाव, ब्लॉक धनौरा, महाराष्ट्रा को उसकी पेट की बिमारी के लिए 70 हजार का चैक दिया जा रहा है। प्रेमी राजकुमार इन्सां, शाह सतनाम जी पुरा सिरसा को उसकी कैंसर की बिमारी के लिए एक लाख का चैक दिया जा रहा है। प्रेमी जग्गा सिंह, निवासी संगरुर को 2 लाख की आर्थिक मदद के लिए सहायता दी गई।